Jorge González Morales (Mexico), Capitalism, 2020.

जोर्ज गोंज़ालेज़ मोरालेस (मेक्सिको), पूँजीवाद, 2020

 

प्यारे दोस्तों,

ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान की ओर से अभिवादन।

1974 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक नया अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था (New International Economic Order- NIEO) पारित किया, जो गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) से प्रेरित था। इस आदेश में, उस समय संकट से जूझ रही विश्व व्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तन करने की स्पष्ट योजना तैयार की गई थी। लेकिन NIEO को दरकिनार कर दिया गया और नवउदारवादी दिशा में विश्व व्यवस्था रची गई। इस नवउदारवादी दिशा ने संकट और भी गहरा दिया है और हमें मानवीय संभावनाओं के आख़िरी सिरे पर लाकर खड़ा कर दिया है।

ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान में हमारी टीम ने COVID-19 के बाद की दुनिया के लिए दस-सूत्री एजेंडा तैयार किया है। पिछले हफ़्ते, मैंने ये एजेंडा बोलिवेरीयन अलाइयन्स फ़ोर द पीपुल्ज़ ऑफ़ आवर अमेरिका द्वारा पोस्ट-पैंडेमिक इकॉनमी (महामारी के बाद की अर्थव्यवस्था) पर आयोजित उच्च स्तरीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया। न्यूज़लेटर का बाक़ी हिस्सा इस एजेंडा के साथ लिखा गया है; हम आशा करते हैं कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) द्वारा इसे अपनाया जाएगा, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा में चर्चा के लिए इसे आगे ले जा सकता है। हमें निश्चित रूप से एक नये अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था की आवश्यकता है।

 

  1. वैश्विक महामारी को संभालें

हमारी प्राथमिकता वैश्विक महामारी से निपटना है। इसके लिए मास्क, सुरक्षात्मक उपकरण, वेंटिलेटर, फ़ील्ड अस्पताल बनाने और संपूर्ण आबादी के टेस्ट करने जैसे सभी कामों में सार्वजनिक क्षेत्र के उत्पादन को बढ़ाने की ज़रूरत है जो उत्पादन केंद्रीतृत हो – जैसा कि वियतनाम और वेनेज़ुएला जैसी जगहों पर पहले से ही हो रहा है। काम की परिस्थितियों पर श्रमिकों का नियंत्रण स्थापित करना आवश्यक है ताकि श्रमिकों – जो ये निर्णय लेने में सबसे ज़्यादा सक्षम हैं- को काम के स्वस्थ माहौल की गारंटी दी जा सके। पर्याप्त सार्वजनिक कार्रवाई की कमी के चलते, सरकारों को संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए और लोगों को खाना, कपड़ा मुहैय्या करवाने और उनका अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए ज़रूरी परियोजनाएँ चलाकर लोगों को काम पर रखने की योजना बनाने की आवश्यकता है। ऐसी सार्वजनिक कार्रवाई का पाठ केरल (भारत) की सहकारी समितियों और क्यूबा में क्रांति की रक्षा के लिए बनी समितियों से सीखा जा सकता है। फ़िलहाल बंद पड़े क्षेत्रों के श्रमिकों – जैसे पर्यटन क्षेत्र के- को तुरंत महामारी रोकने की ओर किए जाने वाले विभिन्न कामों में नौकरी पर रखा जाना चाहिए।

 

Greta Acosta Reyes (Cuba), Women Who Fight, 2020.

ग्रेटा अकोस्टा रेयेस (क्यूबा), संघर्ष करने वाली महिलाएँ, 2020

 

  1. चिकित्सीय एकजुटता बढ़ाएँ

दक्षिणी गोलार्ध के देशों के संयुक्त मोर्चे को IMF और सरकारी क्षेत्रों के वेतन पर लगाई गई लेनदारों की सीमा को अस्वीकार करना चाहिए; वेतन पर लगी इन सीमाओं के कारण, पूर्व औपनिवेशिक देशों के चिकित्साकर्मी उत्तरी अटलांटिक देशों में पयालन कर जाते हैं। सरकारों को अपने बहुमूल्य संसाधनों का उपयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य की शिक्षा प्रदान करने और सार्वजनिक चिकित्सा सेवाएँ बढ़ाने हेतु समुदायों में चिकित्साकर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए करना चाहिए। क्यूबन ब्रिगेड के नेतृत्व में काम करने वाली ALBA की चिकित्सा अंतर्राष्ट्रीयता विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के माध्यम से पूरी दुनिया के लिए एक मॉडल बननी चाहिए। WHO से अमेरिका के निकल जाने के बाद चीन की चिकित्सा अंतर्राष्ट्रीयतावाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। पूरे निजी स्वास्थ्य क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण किया जाना चाहिए, और छोटे-छोटे चिकित्सा केंद्र खोले जाने चाहिए ताकि लोगों को आसानी से सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकें। निजी स्वास्थ्य देखभाल के लिए सरकारी बीमा सुविधाओं से सरकारों को पीछे हटना चाहिए; दूसरे शब्दों में, निजी स्वास्थ्य देखभाल के लिए किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी नहीं मिलनी चाहिए। चिकित्सा उपकरणों और दवाओं के उत्पादन और आवश्यक दवाओं के वितरण (जिनके मूल्यों को नियमों द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए) के साथ हर प्रकार से सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत किया जाना चाहिए।

 

  1. सार्वजनिक बौद्धिक संपदा का निर्माण करें

दक्षिणी गोलार्ध के देशों को TRIPS (बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलु) समझौते के उन्मूलन पर ज़ोर देना चाहिए। TRIPS ही बहुत से ऐसे सामानों पर अनर्गल संपत्ति अधिकार प्रदान करता है जो असल में वैश्विक सार्वजनिक बौद्धिक संपदा का हिस्सा होने चाहिए। यह सीधे तौर पर COVID-19 वैक्सीन पर भी लागू होता है, जिसे मुनाफ़े या बौद्धिक संपदा अधिकारों पर विचार किए बिना देशों में उत्पादन के लिए दे दिया जाना चाहिए। लेकिन यह अन्य सभी दवाइयों –जिनको बनाने में सार्वजनिक पैसे का इस्तेमाल होता है, लेकिन जिनसे निजी कंपनियाँ मुनाफ़ा कमाती हैं- पर भी समान रूप से लागू होता है, और ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर भी लागू होता है ताकि हम जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ईंधन और बेहतर संचार प्रौद्योगिकियों (जैसे 5G) की ओर बढ़ सकें। दक्षिणी गोलार्ध के देशों को आपस में विज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की तुरंत कोई पुख़्ता व्यवस्था करनी चाहिए।

 

Judy Ann Seidman (South Africa), Capitalism, 2020.

जूडी एन सीडमैन (दक्षिण अफ्रीका), पूँजीवाद, 2020

  1. ऋण रद्द करें

औसत अनुमान बताते हैं कि ‘विकासशील देशों’ का लगभग 11 ट्रिलियन डॉलर बाहरी ऋण बक़ाया है, और केवल इस वर्ष का कुल ऋण 3.9 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है। कोरोनावायरस मंदी के बीच, इसका भुगतान अकल्पनीय हैं। ऋण राहत सैंतालीस ‘कम विकसित देशों’ के साथ-साथ दक्षिणी गोलार्ध के देशों पर भी लागू होनी चाहिए। यह राहत केवल ऋण को स्थगित करने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसके तहत (सार्वजनिक और निजी दोनों लेनदारों का) ऋण रद्द किया जाना चाहिए। लेनदारों पर ऋण रद्द करने का दबाव डालने के लिए एक व्यापक अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन बनाया जाना चाहिए ताकि ऋण चुकाने में ख़र्च होने वाले पैसे और सभी संसाधनों को समाज की बुनियादी ज़रूरतें पूरी करने के लिए लगाया जा सके।

 

  1. खाद्य एकजुटता का विस्तार करें

दुनिया की आधी आबादी भूख से पीड़ित है। इस समस्या को हल करने के लिए खाद्य संप्रभुता और खाद्य एकजुटता आवश्यक उपाय है, जैसा कि वाया कैंपसीना जैसे मंचों ने दिखाया है। कृषि पर कॉरपोरेट नियंत्रण को चुनौती दी जानी चाहिए और खाद्य उत्पादन को मानवाधिकारों की प्राथमिकता बनाया जाना चाहिए। फ़ंड का इस्तेमाल खाद्य उत्पादन बढ़ाने की दिशा में किए जाने की आवश्यकता है; जैसे कि कृषि उत्पादन के लिए बुनियादी ढाँचे पर ख़र्च करने की आवश्यकता है (इसके साथ ही ALBA सीड बैंक जैसी परियोजनाओं को बढ़ावा देने की ज़रूरत है)। सार्वभौमिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मज़बूत किया जाना चाहिए ताकि किसानों को बेहतर आय मिल सके और लोगों के लिए खाद्य वितरण सुनिश्चित किया जा सके। एक मज़बूत ग्रामीण परिदृश्य लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में सार्थक जीवन जीने के लिए आकर्षित कर शहरों की आबादी कम कर पाएगा।

 

  1. सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश करें और उसे बढ़ाएँ

कोरोना-आपदा ने दिखाया है कि निजी क्षेत्र आपात स्थितियों (और मानव ज़रूरतें) संभाल पाने में सक्षम नहीं है। दक्षिणी गोलार्ध के देशों को सार्वजनिक क्षेत्र को बचाने का नेतृत्व करना चाहिए; न केवल प्रमुख वस्तुओं और सेवाओं (दवा और भोजन) के उत्पादन के लिए, बल्कि आधुनिक जीवन के लिए आवश्यक किसी भी वस्तु के लिए ताकि सार्वजनिक आवास सुविधाएँ बढ़ें, सार्वजनिक परिवहन पुख़्ता हो, सार्वजनिक Wi-Fi की उपलब्धता बढ़े, और सार्वजनिक शिक्षा की पहुँच बढ़े। मानव जीवन के इन भागों पर निजी क्षेत्र को मुनाफ़ा कमाने के लिए छोड़ दिए जाने के कारण सभ्य समाज बनाने की हमारी क्षमता कमज़ोर हुई है।

 

Davide Leone, Associazione Italiana Design della Comunicazione Visiva (Italy), Capitalism, 2020.

डेविड लियोन, एसोसिएज़ियन इटालियाना डिज़ाइन डेला कोम्यूनिकाज़ियन विसिवा (इटली), पूँजीवाद, 2020

 

  1. संपत्ति-कर लागू करें

वर्तमान में, लगभग 32 ट्रिलियन डॉलर विदेशी टैक्स हैवेंस (वो बैंक जहाँ बहुत मामूली या कोई टैक्स नहीं लगता हैं) में पड़े हैं, और बेनामी संपत्ति को कराधान के लिए गिना ही नहीं जाता है। दो चीज़ें आवश्यक हैं: पहली यह कि अवैध तरीक़े से जमा धन के वापस लाया जाए, और दूसरा यह कि पूँजीपतियों के ऊपरी वर्ग, अभिजात वर्ग के धनी ज़मींदारों, और साथ-ही-साथ निवेशकों और सट्टेबाज़ी में लगे लोगों पर संपत्ति कर लगाया जाए। इन करों से उपलब्ध धन वैश्विक स्तर पर ग़रीबी, भुखमरी, अशिक्षा, बेघर होने जैसी समस्याओं को हल जैसी प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा।

  1. पूँजी नियंत्रण लागू करें

पूँजी नियंत्रण किए बिना किसी देश के पास कोई प्रभावी आर्थिक संप्रभुता नहीं रहती। दक्षिणी गोलार्ध के देशों को एक ऐसा अंतर्राष्ट्रीय मंच बनाना चाहिए जो पूँजी नियंत्रण करने के लिए प्रत्येक देश को एकजुट करता हो। यह एक राजनीतिक मसला है जिसे कोई एक देश अकेले लागू नहीं कर सकता। पूँजी नियंत्रण एक सरकार द्वारा किसी देश के अंदर आने और बाहर जाने वाले वित्तीय प्रवाह को विनियमित करने के लिए किए जाने वाले उपाय होते हैं। इस तरह के नियंत्रणों में लेनदेन कर, न्यूनतम प्रत्यशाएँ, और सीमाओं के आर-पार जा सकने वाले धन पर रोक लगाना शामिल होता है। पूँजी नियंत्रण और सेंट्रल बैंक का लोकतांत्रिक नियंत्रण, पूँजी का प्रवाह रोकेंगे और सरकारों की उनके धन और उनकी अर्थव्यवस्था पर संप्रभुता स्थापित करने में मदद करेंगे।

 

Túlio Carapiá and Clara Cerqueira (Brazil), Fruits of the Earth, 2020.

टूएलियो कारापिया और क्लारा सेर्केरा (ब्राजील), धरती के फल, 2020

 

  1. ग़ैर-डॉलर-आधारित क्षेत्रीय व्यापार की ओर बढ़ें

डीडॉलराइज़ेशन (डॉलर के प्रभुत्व को ख़त्म करना) इस नये एजेंडे का एक अनिवार्य हिस्सा है। दुनिया का साठ प्रतिशत कोष डॉलर के रूप में रखा जाता है, और वैश्विक व्यवसाय बड़े पैमाने पर डॉलर में किया जाता है। डॉलर-वॉल स्ट्रीट गठजोड़ का अंतर्राष्ट्रीय वित्त और व्यापार पर लगभग पूरी तरह से शिकंजा है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि अमेरिका के एकतरफ़ा प्रतिबंधों का देशों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है, इसलिए ही नहीं कि वे ख़ुद डॉलर पर निर्भर हैं, लेकिन इसलिए भी कि उनके व्यापारिक साझेदार इसमें संलग्न हैं। डॉलर विकास रोकने का एक हथियार बन गया है। Sucre ( सन 2000 तक वेनेज़ुएला की वित्त प्रणाली) जैसी प्रायोगिक वैकल्पिक भुगतान प्रणाली को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है, और वायर ट्रांस्फ़र (एक बैंक से दूसरे बैंक में डाईरेक्ट पेमेंट) आसान बनाने के लिए नये वैश्विक वित्तीय संस्थान बनाए जाने की आवश्यकता है। अभी के लिए, ग़ैर-डॉलर-आधारित क्षेत्रीय सुविधाएँ शुरू की जा सकती हैं। हालाँकि वैश्विक मुद्रा के रूप में डॉलर का उपयोग किए जाने से संयुक्त राज्य अमेरिका को मिलने वाले फ़ायदे कम करने के लिए वैश्विक संस्थानों की आवश्यकता है। इसके साथ ही, क्षेत्रीय व्यापार मज़बूत करने की आवश्यकता है, जो वस्तु विनिमय (बार्टर) को भुगतान के रूप में स्वीकार कर सकते हैं।

 

  1. योजनाओं का केन्द्रीकरण करें, और सार्वजनिक कार्रवाई को विकेंद्रीकृत करें

महामारी ने हमें केंद्रीय योजनाओं की ताक़त और विकेंद्रीकृत सार्वजनिक कार्रवाई का महत्व दिखाया है। जो अर्थव्यवस्थाएँ अपने संसाधनों का उपयोग करने की योजना बनाने की स्थिति में नहीं है, वे वायरस के सामने असफल हो रही हैं। हमें जन-भागीदारी आधारित केंद्रीय योजना तंत्र को लगातार बढ़ावा देना चाहिए और सामाजिक उत्पादन को लाभ के बजाये आवश्यकता के अनुसार स्थापित करने की आवश्यकता है। ये योजनाएँ अधिक-से-अधिक लोकतांत्रिक सुझावों से चलाई जानी चाहिए और इन्हें जनता के लिए पारदर्शी रखा जाना चाहिए। केंद्रीय योजना के साथ (ऊर्जा उत्पादन सहित) खनन, बड़े पैमाने पर किए जाने वाले खाद्य उत्पादन और पर्यटन जैसे क्षेत्रों का राष्ट्रीयकरण किया जा सकेगा; इन्हें सहकारी समितियाँ बनाकर श्रमिक नियंत्रण में भी रखा जा सकेगा। यह संसाधनों की बर्बादी कम करने में भी कारगर सिद्ध होगा, जिसमें सैन्य ख़र्च की ऐयाशी कम करना शामिल है। स्थानीय स्व-शासन और सहकारी उत्पादन में वृद्धि करने से तथा जन-समितियों और यूनियनों को बढ़ावा देने से सामाजिक जीवन को तेज़ी से लोकतांत्रिक बनाने में मदद मिलेगी।

 

Ahmed Mofeed (Palestine), Coca-Cola Zero, 2020.

अहमद मोफ़ीद (फिलिस्तीन), कोकाकोला ज़ीरो, 2020

 

इस न्यूज़लेटर में दी छवियाँ साम्राज्यवाद-विरोधी पोस्टर प्रदर्शनी से ली गई हैं। पोस्टरों की पहल शृंखला पूँजीवाद के विचार पर है। कृपया वेबसाइट पर जाएँ और पोस्टरों को देखें, जो छब्बीस देशों के सत्ताईस कलाकारों और इक्कीस संगठनों ने बनाए हैं।

 

स्नेह-सहित,

विजय।