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कजान से क़रीब दिखने लगा है डी-डॉलराइजेशन

ब्रिक्स सम्मेलन ने यह साफ़ कर दिया है कि अमेरिका और उसके साथी अगर पूरी दुनिया को एक डंडे से हांकना चाहते हैं तो यह काम वे बहुत आसानी से नहीं कर पाएंगे।
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जलवायु परिवर्तन की मार झेलता शहरी ग़रीब

जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न संकटों से बुरी तरह प्रभावित शहरी ग़रीब वर्ग होता है, जो कि वर्ग न्यूनतम जल निकासी और सीवरेज सुविधाओं वाले निचले इलाक़ों में झुग्गी झोपड़ियों में रहता है। जबकि यह वह…
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खुले में शौच के लिए मजबूर बेघर स्त्रियां

बेघर लोगों का जीवन निश्चय ही बेहद कठिन होता है, ख़ासकर स्त्रियों का, लेकिन हमारी सामाजिक कंडीशनिंग मूल रूप से पितृसत्तात्मक है, शायद इसलिए हम उस नारकीयता की कल्पना ही नहीं कर पाते, जिसमें वे…
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डिलीवरी ब्वॉय: ख़ुशियों की डिलीवरी करता ख़तरों से जूझता एक इंसान

डिलीवरी ब्वॉय का काम असंगठित क्षेत्र में आता है व उन्हें कोई सरकारी संरक्षण हासिल नहीं है। पूरे देश के स्तर पर ऐसी नीतियां अपनाने और कानून बनाए जाने की ज़रूरत है, जिससे डिलीवरी ब्वॉय का…
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बजट 2024: मेहनतकशों से ज़्यादा मालिकों की चिंता

इस सरकार ने जो बजट पेश किया है, वह ऐसी धारणा बनाता है कि अर्थव्यवस्था के मामले में ऐसा कुछ तो हुआ ही नहीं है, जिस पर तुरंत ध्यान दिए जाने की ज़रूरत हो। ढीठपने…
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महानगरों में फल-फूल रही है कट्टरता 

माना गया था कि शहरीकरण की प्रक्रिया से जातिगत या धार्मिक रूढ़ियां कमज़ोर पड़ जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। क्या शहरीकरण और सामाजिक बदलाव में इतना सीधा रिश्ता नहीं है या भारत में शहरीकरण…
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पूंजीवाद के स्वर्ग में बेघर हो रहे मेहनतकश

अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। लेकिन यह समृद्धि सबके लिए नहीं है। एक तरफ़ पूंजी का अंबार है, तो दूसरी तरफ़ बेरोज़गारी और भुखमरी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। एक रिपोर्ट के…
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