प्लास्टिक कचरे को ठिकाने लगाने के इस खेल की सर्वाधिक क़ीमत उन देशों को चुकानी पड़ रही है – जिनमें से अधिकांश के पास कचरे के प्रवाह को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए बुनियादी…
आज जहाँ भारत विश्व की सबसे तेज़ दर से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है, वहीं युवा बेरोज़गारी दर के मामले में यह दुनिया के सबसे फिसड्डी देशों में शामिल है। देश की युवा आबादी…
ब्रिक्स सम्मेलन ने यह साफ़ कर दिया है कि अमेरिका और उसके साथी अगर पूरी दुनिया को एक डंडे से हांकना चाहते हैं तो यह काम वे बहुत आसानी से नहीं कर पाएंगे।
जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न संकटों से बुरी तरह प्रभावित शहरी ग़रीब वर्ग होता है, जो कि वर्ग न्यूनतम जल निकासी और सीवरेज सुविधाओं वाले निचले इलाक़ों में झुग्गी झोपड़ियों में रहता है। जबकि यह वह…
बेघर लोगों का जीवन निश्चय ही बेहद कठिन होता है, ख़ासकर स्त्रियों का, लेकिन हमारी सामाजिक कंडीशनिंग मूल रूप से पितृसत्तात्मक है, शायद इसलिए हम उस नारकीयता की कल्पना ही नहीं कर पाते, जिसमें वे…
डिलीवरी ब्वॉय का काम असंगठित क्षेत्र में आता है व उन्हें कोई सरकारी संरक्षण हासिल नहीं है। पूरे देश के स्तर पर ऐसी नीतियां अपनाने और कानून बनाए जाने की ज़रूरत है, जिससे डिलीवरी ब्वॉय का…
इस सरकार ने जो बजट पेश किया है, वह ऐसी धारणा बनाता है कि अर्थव्यवस्था के मामले में ऐसा कुछ तो हुआ ही नहीं है, जिस पर तुरंत ध्यान दिए जाने की ज़रूरत हो। ढीठपने…
माना गया था कि शहरीकरण की प्रक्रिया से जातिगत या धार्मिक रूढ़ियां कमज़ोर पड़ जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। क्या शहरीकरण और सामाजिक बदलाव में इतना सीधा रिश्ता नहीं है या भारत में शहरीकरण…
अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। लेकिन यह समृद्धि सबके लिए नहीं है। एक तरफ़ पूंजी का अंबार है, तो दूसरी तरफ़ बेरोज़गारी और भुखमरी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। एक रिपोर्ट के…