प्लास्टिक कचरे को ठिकाने लगाने के इस खेल की सर्वाधिक क़ीमत उन देशों को चुकानी पड़ रही है – जिनमें से अधिकांश के पास कचरे के प्रवाह को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए बुनियादी…
आज जहाँ भारत विश्व की सबसे तेज़ दर से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है, वहीं युवा बेरोज़गारी दर के मामले में यह दुनिया के सबसे फिसड्डी देशों में शामिल है। देश की युवा आबादी…
अपने चुनाव प्रचार में भले ही डॉनल्ड ट्रंप और कमला हैरिस ने फिलिस्तीन समस्या को सुलझाने की बात की, पर दुनिया की ताक़तें इस मसले को लेकर ज़रा भी गंभीर नहीं हैं। अब यह ज़रूरी हो…
ब्रिक्स सम्मेलन ने यह साफ़ कर दिया है कि अमेरिका और उसके साथी अगर पूरी दुनिया को एक डंडे से हांकना चाहते हैं तो यह काम वे बहुत आसानी से नहीं कर पाएंगे।
जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न संकटों से बुरी तरह प्रभावित शहरी ग़रीब वर्ग होता है, जो कि वर्ग न्यूनतम जल निकासी और सीवरेज सुविधाओं वाले निचले इलाक़ों में झुग्गी झोपड़ियों में रहता है। जबकि यह वह…
बेघर लोगों का जीवन निश्चय ही बेहद कठिन होता है, ख़ासकर स्त्रियों का, लेकिन हमारी सामाजिक कंडीशनिंग मूल रूप से पितृसत्तात्मक है, शायद इसलिए हम उस नारकीयता की कल्पना ही नहीं कर पाते, जिसमें वे…