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ग्रेसिया बैरियोस (चिली), बहुलता III, 1972। पैचवर्क, 305 x 782 सेमी।
प्यारे दोस्तों,
ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान की ओर से अभिवादन।
इस परिदृश्य की कल्पना करें। 11 सितंबर 1973 को, जनरल ऑगस्टो पिनोशे के नेतृत्व में और अमेरिकी सरकार के इशारे पर चिली देश की सेना के प्रतिक्रियावादी वर्ग अपने बैरकों से न निकले होते। पॉपुलर यूनिटी सरकार का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रपति साल्वाडोर अलेंदे, अपनी सरकार पर जनमत संग्रह की घोषणा करने और कुछ वरिष्ठ जनरलों का इस्तीफा मांगने के लिए सैंटियागो के ला मोनेडा भवन में स्थित अपने कार्यालय में जाते। यदि ऐसा होता तो अलेंदे मुद्रास्फीति को कम करने तथा चिली में समाजवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के कार्यक्रम को साकार करने की अपनी लड़ाई जारी रखते। अलेंदे अपने देश की संप्रभुता, विशेष रूप से देश के ताँबा संसाधनों व भूमि पर संप्रभुता की रक्षा करने, भूख व निरक्षरता मिटाने हेतु पर्याप्त धन जुटाने और स्वास्थ्य देखभाल व आवास की आपूर्ति के लिए नवाचार तैयार करने की कड़ी लड़ाई लड़ रहे थे। अलेंदे सरकार का चार्टर पॉपुलर यूनिटी गठबंधन के घोषणापत्र (1970) में मिलता है:
चिली के लोगों की सामाजिक आकांक्षाएँ वैध हैं और उन्हें पूरा करना संभव है। उदाहरण के लिए, वे उनकी आय खा जाने वाली री–अजस्ट्मेंट के बिना अच्छा आवास चाहते हैं; अपने बच्चों के लिए स्कूल और विश्वविद्यालय; पर्याप्त वेतन; ऊँची कीमतों का हमेशा के लिए अंत; स्थिर कार्य; समय पर चिकित्सा; सार्वजनिक जगहों पर रोशनी की व्यवस्था; सीवर; पेय जल; पक्की सड़कें और फुटपाथ चाहते हैं; विशेषाधिकारों और भुखमरी के स्तर की पेंशन की बजाए एक न्यायसंगत और संचालन–योग्य सामाजिक सुरक्षा प्रणाली चाहते हैं; टेलीफोन; पुलिस; बच्चों के लिए खेल के मैदान; मनोरंजन क्षेत्र चाहते हैं; और छुट्टियों का प्रबंध व समुद्री तट पर रिसॉर्ट्स चाहते हैं। लोगों की इन उचित इच्छाओं की संतुष्टि – जो वास्तव में अधिकार हैं जिनकी समाज में मान्यता होनी चाहिए – पॉपुलर यूनिटी सरकार की प्राथमिकता होगी।
उस संदर्भ में ‘लोगों की उचित इच्छाओं‘ का ख़्याल रखने के उद्देश्य ने अलेंदे सरकार के प्रति जनता में बड़ी उम्मीद जगाई थी। इसके अलावा, अलेंदे प्रशासन ने शासन के विकेंद्रीकरण और ‘उचित इच्छाएँ‘ पूरी करने के लिए जनता को लामबंद करने का एक मॉडल अपनाया। विकेंद्रीकरण व जनता को लामबंद करने के उपाय के तहत, सरकारी सामाजिक सुरक्षा संस्थानों में धन जमा करने वाले जमाकर्ताओं को धन की निगरानी करने के अवसर और निर्देश परिषदों में पद मिले; दूसरी ओर स्लम इलाक़ों के रहवासी संगठनों पर आवास विभाग द्वारा कामगार वर्गों के लिए बनाए जा रहे घरों के निरीक्षण की ज़िम्मेदारी डाली गई। सरकार ने विकेंद्रीकृत निर्णय प्रणाली स्थापित करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों (जैसे प्रोजेक्ट साइबरसिन) के उपयोग से पुरानी लोकतांत्रिक संरचनाओं को मजबूत किया। पॉपुलर यूनिटी के घोषणापत्र में कहा गया कि ‘राजकीय संस्थानों में लोगों की वास्तविक भागीदारी पर हमारे द्वारा प्रस्तावित सरकार की नई अवधारणा के ये केवल कुछ उदाहरण हैं।
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रॉबर्टो मैटा (चिली), नए मानव को जन्म देने के लिए आओ अपने भीतर गुरिल्ला युद्ध लड़ें, 1970। कैनवास पर तेल, 259 x 491 सेमी।
पॉपुलर यूनिटी सरकार के नेतृत्व में चिली की जनता अपने आर्थिक और राजनीतिक जीवन का जिस प्रकार नियंत्रण कर रही थी और अपने सामाजिक व सांस्कृतिक दुनिया को जिस प्रकार बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही थी उससे सारी दुनिया को समाजवाद की महान संभावनाओं का संदेश मिलता। उनकी प्रगति क्यूबा जैसी कई अन्य परियोजनाओं में प्राप्त प्रगति को प्रतिबिंबित करती; और इससे तीसरी दुनिया के लोगों में अपनी संभावनाओं का परीक्षण करने का आत्मविश्वास बढ़ता। गरीबी उन्मूलन और हर परिवार के लिए आवास का निर्माण जैसे कदम पूरे लैटिन अमेरिका के लिए एक प्रेरणा बनते और अन्य वामपंथी परियोजनाओं को इसी तरह दुनिया में ‘उचित इच्छाओं‘ की संतुष्टि की वाजिब मांग उठाने के लिए प्रोत्साहित करते। अब हम अभाव की दुनिया में नहीं रह रहे/ अब दुनिया में कोई कमी नहीं है, इसलिए हर ‘उचित इच्छा‘ को पूरा किया जा सकता है। सैन्य शासन की प्रयोगशाला में अपने हानिकारक नवउदारवादी एजेंडे का परीक्षण करने लिए कोई शिकागो बॉयज़ न होते। जनता की लामबंदी ने आर्थिक विकास के नाम पर लोगों पर मितव्ययता थोपने की पूंजीवादी इच्छा को उजागर कर दिया होता। जिस प्रकार अलेंदे की सरकार विकेंद्रीकरण और जनता को लामबंद करते हुए अपने एजेंडे का विस्तार कर रही थी, उससे पूंजीवाद का संकीर्ण लालच लोगों की ‘उचित इच्छाओं‘ के आगे बहुत छोटा पड़ जाता।
यदि चिली में तख़्तापलट नहीं हुआ होता, तो पेरू (1975) और अर्जेंटीना (1976) में भी तख़्तापलट नहीं होते। और यदि ये तख़्तापलट न हुए होते तो शायद बोलीविया, ब्राजील और पैराग्वे जैसे देशों में जनता चिली के उदाहरण से प्रेरणा लेकर सैन्य तानाशाही को हटा देती। शायद, ऐसे में, चिली के साल्वाडोर अलेंदे और क्यूबा के फिदेल कास्त्रो की दोस्ती वाशिंगटन द्वारा क्रांतिकारी क्यूबा पर लागू की गई अवैध नाकाबंदी को तोड़ने में कामयाब हो जाती। और शायद, इन सबके बल पर, 1972 में सैंटियागो में हुए व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) में किए गए वादे पूरे हो जाते। इनमें से एक वादा था, 1974 में एक नया अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक क्रम लागू करना, जिससे डॉलर–वॉल स्ट्रीट कॉम्प्लेक्स और इसकी सहायक एजेंसियों, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक, के साम्राज्यवादी विशेषाधिकार ख़त्म हो जाते। चिली में जो न्यायसंगत आर्थिक व्यवस्था स्थापित की जा रही थी उसका विस्तार दुनिया भर में किया जा चुका होता।
लेकिन तख़्तापलट हुआ। सैन्य तानाशाही ने लाखों लोगों को मार डाला, या गायब कर दिया या निर्वासन में भेज दिया। वह दमन का ऐसा अंधड़ था, जिससे 1990 में लोकतंत्र की वापसी के बाद भी चिली आज तक उभर नहीं सका है। समाजवाद की प्रयोगशाला से, सेना की कड़ी पकड़ में, चिली नवउदारवाद की प्रयोगशाला बन गया था। 1973 में, जब तख़्तापलट हुआ था, चिली की आबादी दस मिलियन थी, और ब्राज़ील की आबादी के दसवें हिस्से के बराबर थी। लेकिन फिर भी, 1973 में चिली में हुए तख़्तापलट का पूरी दुनिया पर असर पड़ा, क्योंकि उस समय इसे सिर्फ साल्वाडोर अलेंदे की पॉपुलर यूनिटी सरकार के खिलाफ तख़्तापलट के रूप में नहीं, बल्कि तीसरी दुनिया के खिलाफ एक तख़्तापलट के रूप में भी देखा गया था।
यह बात हम अपने हालिया डोसियर ‘तीसरी दुनिया के खिलाफ तख़्तापलट : चिली, 1973‘ (डोसियर नं 68, सितंबर 2023) में विस्तार से बता रहे हैं। इस डोसियर को हमने Instituto de Ciencias Alejandro Lipschutz Centro de Pensamiento e Investigación Social y Política (ICAL) के साथ मिलकर तैयार किया है। डोसियर में हमने लिखा है कि ‘अलेंदे की सरकार के खिलाफ तख़्तापलट केवल चिली में तांबे के राष्ट्रीयकरण की नीति अपनाने के लिए नहीं हुआ था, बल्कि इसलिए भी हुआ था क्योंकि अलेंदे ने नव अंतरराष्ट्रीय आर्थिक क्रम (NIEO) के सिद्धांतों को लागू करने की मांग कर रहे अन्य विकासशील देशों को नेतृत्व और एक उदाहरण पेश किया था।‘ सैंटियागो में UNCTAD III (1972) में, अलेंदे ने कहा था कि ‘रूढ़िवादी और मौलिक रूप से अन्यायपूर्ण आर्थिक एवं व्यापार व्यवस्था को हटा कर मानव और मानवीय गरिमा की नई अवधारणा पर आधारित एक न्यायपूर्ण व्यवस्था को स्थापित करना तथा अल्पविकसित देशों की प्रगति को बाधित कर समृद्ध देशों को लाभ पहुँचाने वाले अंतरराष्ट्रीय श्रम विभाजन का पुनर्निर्माण करना‘ ही UNCTAD और NIEO का मूल मिशन है। यही मिशन था जिसे चिली में अलेंदे सरकार के तख़्तापलट और साम्राज्यवादी गुट की अन्य चालों ने पटरी से हटाया था। इसके परिणामस्वरूप जनता के अधिकारों की पैरवी करने वाले लाखों लोगों (वामपंथियों, ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं, किसान नेताओं, पर्यावरण न्याय व महिला अधिकार ऐक्टिविस्टों) की हत्या कर दी गई; भुखमरी, अशिक्षा, खराब आवास व अपर्याप्त चिकित्सा के हालात चिली में वापस लौट आए; समाज निराशा और नाउम्मीदी से घिर गया।
कृपया हमारा डोसियर पढ़ें और इसे औरों के साथ साझा करें। हम हर महीने एक डोसियर जारी करते हैं, और इसके लिए हम कड़ी मेहनत करते हैं और अन्य संगठनों/संस्थाओं के साथ सहयोग भी स्थापित करते हैं। हम जन–आंदोलनों से जुड़ा संस्थान हैं, और हमारे डोसियर इतिहास की प्रमुख घटनाओं को हम कैसे देखते हैं उसका संश्लेषण पेश करते हैं। उक्त डोसियर में शामिल कलाकृतियाँ हमने म्यूजियो डे ला सॉलिडेरिडाड साल्वाडोर अलेंदे (MSSA) से साभार ली हैं, जिन्होंने पॉपुलर यूनिटी सरकार के समय की और तख़्तापलट के ख़िलाफ़ चले संघर्ष के दौर की कलाओं को संरक्षित रखा है। हम संकीर्ण लालच की नवउदारवादी नैतिकता के खिलाफ और एकजुटता पर आधारित सहयोग के लिए MSSA और ICAL उनके आभारी हैं।
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गुइलेर्मो टेइलियर, 1943-2023
चिली में तख़्तापलट की पचासवीं वर्षगांठ से दो सप्ताह पहले, चिली की कम्युनिस्ट पार्टी (PCCh) के अध्यक्ष गुइलेर्मो टेइलियर की मृत्यु हो गई। उनके अंतिम संस्कार में, पार्टी के महासचिव लुटारो कार्मोना सोटो ने बताया कि कैसे टेइलियर – तख़्तापलट के बाद के दमन में भी – पार्टी को बचाने के उद्देश्य से वाल्डिविया चले गए थे, और फिर कैसे उन्होंने तख़्तापलट शासन के ख़िलाफ़ व्यापक प्रतिरोध खड़ा करने का काम किया। 1974 में, टेइलियर को सैंटियागो में गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें एकेडेमिया डी गुएरा एरिया में दो साल तक प्रताड़ित किया गया। इसके बाद लगभग डेढ़ साल तक, टेइलियर को रिटोक, पुचुनकावी और ट्रेस एलामोस के कॉन्सेंट्रेशन कैंपों में रखा गया। 1976 में रिहा होने के बाद, वो पार्टी का पुनर्निर्माण करने के लिए भूमिगत हो गए (इसके अगले साल, उनके साथी ग्लेडिस मारिन भी उनके साथ शामिल हो गए)। यह खतरनाक काम था, और तब और भी खतरनाक बन गया जब टेइलियर ने पार्टी के सैन्य आयोग के नेता के रूप में पदभार संभाला। यह सैन्य आयोग क्यूबा से चिली में आने वाली सहायता का प्रबंधन करता था, और कम्युनिस्ट पार्टी (PCCh) के सशस्त्र विंग मैनुअल रॉड्रिक्ज़ पैट्रियटिक फ्रंट (FPMR) के निर्माण और संचालन का काम करता था। पिनोशे की हत्या के प्रयास विफल रहे, लेकिन लोकतंत्र के लिए आंदोलन खड़ा करने का व्यापक कार्य सफल रहा। यह टेइलियर और मारिन जैसे लोगों और अन्य अनगिनत गुमनाम लोगों की बहादुरी और बलिदान का परिणाम था कि 1990 में पिनोशे राज का अंत हुआ।
1973 में चिली में तख़्तापलट हुआ था। इसने कई जिंदगियाँ उजाड़ दीं और महान वादे की प्रक्रिया को निलंबित कर दिया। आज, उस वादे को पुनर्जीवित करने की ज़रूरत है, लेकिन हमें उस बदसूरत इतिहास को कभी नहीं भूलना चाहिए।
स्नेह–सहित,
विजय।