प्यारे दोस्तों,
ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान की ओर से अभिवादन।
अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में, ब्राज़ील में भूमिहीन श्रमिक आंदोलन (एमएसटी) और वैश्विक किसान संगठन ला वाया कैम्पेसिना के एक नेता जोआओ पेड्रो स्टैडिले शांति के लिए प्रार्थना की अंतर्राष्ट्रीय बैठक में भाग लेने के लिए वेटिकन गए, जिस बैठक का आयोजन कम्युनिटी ऑफ़ सैंट इगिडियो ने किया था। 30 अक्टूबर को ब्राज़ील में राष्ट्रपति चुनाव हुआ, जिसमें लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने जीत हासिल की, जिन्हें प्यार से लूला के नाम से जाना जाता है। उनके चुनावी अभियान का एक प्रमुख बिंदु था अमेज़न की तबाही और बर्बादी का मुद्दा, जिसे उनके प्रतिद्वंद्वी और वर्तमान राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो द्वारा तबाह किया जा रहा था। लूला की जीत, जिसे एमएसटी के ज़ोरदार अभियान से मदद मिली, धरती को बचाने के हमारे अवसर के लिए आशा प्रदान करती है। इस सप्ताह के न्यूज़लेटर में वेटिकन में स्टेडिले द्वारा दिया गया भाषण शामिल है। हम आशा करते हैं कि आपको भी यह उतना ही उपयोगी लगेगा जितना हमें लगता।
आज मानवता संकट में है क्योंकि अर्थहीन सामाजिक असमानता, पर्यावरण पर हमले, और अमीर देशों में एक अस्थिर खपत पैटर्न देखा जा रहा है जो पूँजीवाद और इसकी मुनाफ़ाख़ोर मानसिकता द्वारा हम पर थोपा गया है।
भाग 1: मानवता के सामने कौन–सी दुविधाएँ हैं?
- जलवायु परिवर्तन स्थायी है, तीव्र गर्मी की लहरों, ग्लोबल वार्मिंग, मूसलाधार बारिश, उष्णकटिबंधीय चक्रवातों और पूरी धरती के विभिन्न क्षेत्रों में सूखे के रूप में हर दिन इसके प्रभाव को महसूस किया जा सकता है।
- पिछले 50 वर्षों में आपदाओं/अपराधों की संख्या में पाँच गुना वृद्धि हुई है, जिसमें 115 लोग मारे गए हैं और प्रतिदिन 202 मिलियन डॉलर का आर्थिक नुक़सान हुआ है।
- पर्यावरणीय अपराधों में वृद्धि हुई है, जैसे वनों की कटाई, उष्णकटिबंधीय जंगलों को जलाना, और सभी बायोम पर हमले, विशेष रूप से दक्षिणी गोलार्ध के देशों में। अकेले 2021 में, दुनिया ने 11.1 मिलियन हेक्टेयर उष्णकटिबंधीय जंगलों को खो दिया।
- अमेज़न वर्षावन, जो नौ देशों में फैला हुआ है, अपने वनस्पति कवर का 30% पहले ही खो चुका है, लकड़ी का उत्पादन करने और पशुपालन तथा सोयाबीन उत्पादन की वजह से वनों की कटाई होती है और इन सभी उत्पादों को यूरोप और चीन भेजा जाता है।
- उत्तरी गोलार्ध के लिए कच्चे कृषि सामग्री का उत्पादन करने के लिए दक्षिणी गोलार्ध के सभी बायोम को नष्ट किया जा रहा है।
- शिकारी खनन पर्यावरण, जल और भूमि के साथ–साथ स्वदेशी और किसान समुदायों को प्रभावित करता है क्योंकि हज़ारों गैरीम्पेरोस (अवैध खननकर्ता) स्वदेशी भूमि में पारा जैसी ख़तरनाक सामग्री का उपयोग करके सोने और हीरे का खनन करते हैं।
- दक्षिण में कृषि में कभी भी इतने सारे एग्रोटॉक्सिन (कृषि विष) का उपयोग नहीं किया गया है, जो मिट्टी की उर्वरता को प्रभावित करते हैं, जैव विविधता को नष्ट करते हैं, भूजल और नदियों को प्रदूषित करते हैं, और उत्पादित वस्तुओं तथा वातावरण तक को भी दूषित करते हैं।
- वैज्ञानिक रूप से साबित हो चुका है कि ग्लाइफ़ोसेट कैंसर का कारण है। कैंसर से पीड़ित क़रीब 42,700 अमेरिकी किसानों ने उन कंपनियों से मुआवज़े का अधिकार हासिल किया, जो ग्लाइफ़ोसेट का उत्पादन, बिक्री और उपयोग करती हैं, जिसके संपर्क में वे आए थे।
- इस धरती पर अधिक–से–अधिक आनुवंशिक रूप से संशोधित बीज लगाए जा रहे हैं, जिसमें 2019 तक 29 देशों में लगभग 200 मिलियन हेक्टेयर भूमि पर ऐसे बीज लगाए गए हैं। ये बीज ग़ैर–जीएमओ बीजों में आनुवंशिक छेड़छाड़ का कारण बनते हैं, मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं और धरती की जैव विविधता को नष्ट करते हैं क्योंकि उन्हें एग्रोटॉक्सिन के उपयोग की आवश्यकता होती है।
- महासागर प्लास्टिक और अन्य मानव अपशिष्ट से प्रदूषित होते हैं, जिससे मछली और समुद्री जीवन की कई प्रजातियाँ मर जाती हैं। रासायनिक उर्वरकों के बड़े पैमाने पर उपयोग ने भी समुद्र के पानी को अम्लीकृत कर दिया है, जिससे सभी समुद्री जीवन ख़तरे में पड़ गए हैं। इसका प्रमाण प्रशांत महासागर में बड़े कचरे के ढेर के रूप में देखा जा सकता है, जो एक लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक में फैला हुआ है।
- जीवाश्म ईंधन को जलाने और ऑटोमोबाइल में व्यक्तिगत परिवहन द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड बड़े शहरों में प्रदूषण का कारण बनता है, जो बदले में हज़ारों लोगों की मौत का कारण बनता है, अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तर पूर्व और मध्य–अटलांटिक क्षेत्र में वाहन उत्सर्जन के कारण एक वर्ष में 7100 लोग मरते हैं।
- मानवता एक ऐसे सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से जूझ रही है जो जटिल रूप से प्रकृति से भी जुड़ा हुआ है। महामारियों की संख्या में बढ़ौतरी हुई है, जिससे एक व्यापक वैश्विक स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है और लाखों लोगों का जीवन ख़तरे में पड़ गया है। यह परिघटना, अक्सर जानवरों से मनुष्यों में रोगों के बढ़ते संचरण (ज़ूनोज़ के रूप में जानी जाती है) से प्रेरित होती है, जैव विविधता के विनाश के साथ–साथ कृषि व्यवसाय और ऊर्जा, खनन तथा परिवहन मेगाप्रोजेक्ट्स द्वारा कृषि क्षेत्र की सीमा का विस्तार इसका एक मुख्य कारक है, इसके साथ ही शहरीकरण और बड़े पैमाने पर पशुपालन भी इसके लिए ज़िम्मेदार है।
- हमारी धरती पर कई क्षेत्र किसान और स्वदेशी समुदायों द्वारा संरक्षित हैं। पूँजी हमला करती है और उन्हें नष्ट करने की कोशिश करती है ताकि वे उन प्राकृतिक वस्तुओं पर नियंत्रण कर सकें जिनकी वे रक्षा करते हैं।
- हम पृथ्वी प्रणाली और जीवन के संतुलन के एक पारिस्थितिक–सामाजिक संकट से गुज़र रहे हैं। यह वैश्विक संकट पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, राजनीति, समाज, नैतिकता, धर्मों और हमारे अपने जीवन के अर्थ को प्रभावित करता है।
- दुनिया के अरबों सबसे ग़रीब लोग भोजन, पानी, आवास, रोज़गार, आय और शिक्षा की कमी से सबसे अधिक प्रभावित हैं। जीवन की बिगड़ती परिस्थितियों ने उन्हें पलायन करने के लिए मजबूर किया है और हज़ारों लोगों, विशेषकर बच्चों और महिलाओं को मार डाला है।
- यह सामान्य संकट मानव जीवन को ख़तरे में डाल रहा है। साहसिक कार्रवाई के बिना यह धरती, जिसपर इतना अधिक हमला हो रहा है, अभी भी पुनर्जीवित हो सकता है, लेकिन तब यहाँ मनुष्य नहीं होंगे।
भाग 2: मानवता को ख़तरे में डालने के लिए कौन ज़िम्मेदार है?
- पूँजीवाद एक संरचनात्मक संकट का सामना कर रहा है। यह अब उन वस्तुओं के उत्पादन और वितरण को व्यवस्थित करने में सक्षम नहीं है जिनकी लोगों को आवश्यकता है। लाभ और पूँजी संचय का इसका तर्क हमें अधिक न्यायपूर्ण और समतावादी समाज बनाने से रोकता है।
- यह संकट अर्थव्यवस्था में, सामाजिक असमानता में वृद्धि में, सामाजिक अधिकारों के गारंटर के रूप में राज्य की विफलता में, अधिकांश लोगों की इच्छा का सम्मान करने में औपचारिक लोकतंत्र की विफलता में, और केवल व्यक्तिवाद, उपभोक्तावाद, और स्वार्थ पर आधारित झूठे मूल्यों के प्रचार में प्रकट होता है। यह प्रणाली आर्थिक और पर्यावरण की दृष्टि से अस्थिर है, और हमें इसे अस्वीकार करना चाहिए।
- पर्यावरण संकट के लिए सीधे तौर पर अंतर्राष्ट्रीय निगम मुख्य रूप से ज़िम्मेदार हैं जो सीमाओं, राज्यों, सरकारों या लोगों के अधिकारों का सम्मान नहीं करते हैं। इनमें से कुछ निगम, जैसे बेयर, बीएएसएफ़, मोनसेंटो, सिनजेन्टा, और ड्यूपॉन्ट, एग्रोटॉक्सिन का निर्माण करते हैं, जबकि अन्य खनन, ऑटोमोबाइल, और जीवाश्म ईंधन से चलने वाले विद्युत ऊर्जा क्षेत्रों को नियंत्रित करते हैं, और फिर भी अन्य पानी के बाज़ार तथा विश्व खाद्य बाज़ार को नियंत्रित करते हैं (जैसे; कोका–कोला, पेप्सी और नेस्ले)। इन सभी के साथ जुड़ा है बैंक और उनकी वित्तीय पूँजी। पिछले दशक में, ये निगम शक्तिशाली अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी निगमों द्वारा जुड़ गए हैं, जो विचारधारा और जनमत को नियंत्रित करते हैं (जैसे; अमेज़ॅन, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, फेसबुक/मेटा, और ऐप्पल)। इन कंपनियों के मालिक दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल हैं।
- हालाँकि, पर्यावरणीय संकट के लिए केवल निगम ही दोषी नहीं हैं; उनकी सहायता की जाती है:
क. सरकारें जो कॉर्पोरेट अपराध पर परदा डाल देती हैं और उसकी रक्षा करती हैं;
ख. मुख्यधारा की मीडिया, जो लाभ के लिए कॉर्पोरेट हितों की रक्षा करती है, जबकि लोगों को धोखा देती हैं और ठीक उसी समय अपराधियों को बचाती हैं; तथा
ग. फ़ैंटम फ़ाउंडेशन की आड़ में सरकारों द्वारा गठित और बड़े निगमों द्वारा क़ब्ज़ा कर लिए गए अंतर्राष्ट्रीय संगठन, जो सीधे इन संगठनों को प्रभावित करते हैं और केवल बयानबाज़ी करते हैं तथा पार्टियों के सम्मेलन (COP) जैसी अप्रभावी अंतर्राष्ट्रीय बैठकें करते हैं, जो अब 27 बार हो चुकी हैं। संयुक्त राष्ट्र और खाद्य और कृषि संगठन के मामले में भी यही स्थिति है।
इन सभी संस्थाओं को क़ानून का सम्मान करना चाहिए।
5. मैं सितंबर 2022 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो द्वारा अपनाए गए साहसी रुख़ और पोप फ़्रांसिस द्वारा सभी रोमन कैथोलिक बिशप को लिखे गए पत्रों का स्वागत करता हूँ। दोनों पूरी दुनिया के लिए एक वेक–अप कॉल हैं।
भाग 3: हम किन समाधानों की माँग कर रहे हैं?
मानवता को बचाने के लिए अभी भी समय है, और इसके साथ, हमारे घर तथा हमारे पृथ्वी को भी। इसकेलिए हमें वैश्विक स्तर पर ठोस और ज़रूरी उपायों को लागू करने का साहस चाहिए। किसान आंदोलनों और शहरी इलाक़ों में जन आंदोलनों की ओर से हम प्रस्ताव करते हैं:
- दुनिया भर के सभी देशी जंगलों और सवाना में वनों की कटाई और वाणिज्यिक रूप से जलाने पर रोक लगाना।
- कृषि में एग्रोटॉक्सिन और आनुवंशिक रूप से संशोधित बीजों के साथ–साथ पशुपालन में एंटीबायोटिक्स और हार्मोन बढ़ाने वाली दवाओं के उपयोग पर रोक लगाना।
- पूँजी द्वारा प्रस्तावित जलवायु परिवर्तन और जियोइंजीनियरिंग तकनीकों के लिए सभी झूठे समाधानों की निंदा करना, जो कार्बन बाज़ार सहित प्रकृति पर सट्टा लगाते हैं।
- स्वदेशी लोगों और पारंपरिक समुदायों के साथ–साथ पर्यावरण संरक्षण और संरक्षित क्षेत्रों में खनन पर प्रतिबंध लगाना और मांग करना कि सभी खनन को सार्वजनिक रूप से नियंत्रित किया जाना चाहिए और सामान्य भलाई के लिए उपयोग किया जाना चाहिए–लाभ के लिए नहीं।
- खाद्य और पेय उद्योग सहित प्लास्टिक के उपयोग को सख़्ती से नियंत्रित करना और उन्हें रिसाइकिल करना अनिवार्य बनाना।
- प्राकृतिक वस्तुओं (जैसे जंगल, पानी और जैव विविधता) को पूँजीवादी निजीकरण से मुक्त कर सार्वभौमिक आम वस्तु के रूप में मान्यता देना, जो सभी लोगों की पहुँच में हों।
- किसानों को प्रकृति के मुख्य रखवाले के रूप में मान्यता देना। हमें बड़े ज़मींदारों के ख़िलाफ़ लड़ना चाहिए और लोकप्रिय कृषि सुधारों को अंजाम देना चाहिए ताकि हम ग्रामीण इलाक़ों में सामाजिक असमानता और ग़रीबी का मुक़ाबला कर सकें और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाते हुए अधिक भोजन का उत्पादन कर सकें।
- सार्वजनिक संसाधनों का भुगतान करके एक व्यापक वनीकरण कार्यक्रम को लागू करना, जो झरनों और नदी के किनारों, ढलानों और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील अन्य क्षेत्रों या मरुस्थलीकरण का अनुभव करने वाले क्षेत्रों की पारिस्थितिकि की फिर से बहाली सुनिश्चित करता है।
- पानी की देखभाल के लिए एक वैश्विक नीति को लागू करना जो महासागरों, झीलों और नदियों के प्रदूषण को रोकता है और जो सतह और भूमिगत पेयजल स्रोतों के प्रदूषण को समाप्त करता है।
- अमेज़न और अफ्रीका, एशिया तथा प्रशांत द्वीपों के अन्य उष्णकटिबंधीय जंगलों को अपने देशों के लोगों की देखभाल के तहत पारिस्थितिक क्षेत्रों के रूप संरक्षित करना।
- सभी के लिए सुलभ स्वस्थ भोजन के उत्पादन सहित खाद्य संप्रभुता के लिए सामाजिक–तकनीकी आधार के रूप में कृषि–पारिस्थितिकी को लागू करना।
- सौर और पवन ऊर्जा प्रणालियों को लागू करने के लिए आवश्यक वित्तपोषण को सब्सिडी देना, जो दुनिया भर में आबादी के सामूहिक प्रबंधन के अधीन होगा।
- अक्षय ऊर्जा पर आधारित सार्वजनिक परिवहन प्रदान करने के लिए एक वैश्विक निवेश योजना को लागू करना जो शहरों में रहने की स्थिति को पुनर्परिभाषित करता है और उसमें सुधार को संभव बनाता है, शहरी विकेंद्रीकरण की अनुमति देता है और ग्रामीण इलाक़े में लोगों के रहने को संभव बनाता है।
- हम मांग करते हैं कि उत्तर के औद्योगिक देश समाज और प्रकृति के बीच संबंधों को स्थायी रूप से पुनर्निर्माण करने के लिए, सभी आवश्यक कार्यों को लागू करने के लिए वित्तीय संसाधनों की गारंटी देते हैं, यह समझते हुए कि ये देश वैश्विक प्रदूषण के लिए ऐतिहासिक रूप से ज़िम्मेदार हैं और इनके उत्पादन और खपत के पैटर्न असमान और अस्थिर हैं।
- हम यह माँग करते हैं कि सभी सरकारें युद्धों को बंद करें, विदेशी सैन्य ठिकानों को बंद करें, और जीवन तथा पृथ्वी को बचाने के लिए सैन्य आक्रमण को रोकें, यह समझ इस बात में निहित है कि शांति स्वस्थ जीवन के लिए एक आवश्यक शर्त है।
इन विचारों को अमल में लाने के लिए, हम धार्मिक नेताओं और संस्थानों, पर्यावरण और जन आंदोलनों, निर्णयकर्ताओं और सरकारों के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय समझौते का प्रस्ताव करते हैं, ताकि हम एक ऐसा कार्यक्रम चला सकें जो पूरी आबादी की चेतना को जगाए। हमारा प्रस्ताव है कि एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाए ताकि हम जीवन की रक्षा करने वाले सभी सामूहिक भागीदारों को एक साथ ला सकें। हमें लोगों को जीवन और प्रकृति की रक्षा में अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हमें मांग करनी चाहिए कि मीडिया लोगों के हितों की रक्षा करने और समान अधिकारों, जीवन और प्रकृति की रक्षा करने की अपनी ज़िम्मेदारी समझे।
हम सामाजिक अन्याय, शोषण और सभी प्रकार के भेदभाव से मुक्त होकर सामाजिक समानता के साथ एकजुटता और शांति से जीवन को तथा अपनी धरती को बचाने के लिए हमेशा संघर्ष करेंगे।
जोआओ पेड्रो स्टैडिले का यह पाठ एमएसटी का एक स्पष्ट आह्वान है, जिसे नोआम चॉम्स्की ‘धरती पर सबसे महत्वपूर्ण जन आंदोलन‘ कहते हैं। इन प्रस्तावों के बारे में हम आपकी राय जानना चाहते हैं, और हम उम्मीद करते हैं कि दुनिया भर के आंदोलन इन प्रस्तावों को अपनी कार्रवाई में शामिल करेंगे।
स्नेह–सहित
विजय।