Ahmed Rabbani (Pakistan), Untitled (Grape Arbor), 2016. Rabbani endured 545 days of torture at the hands of the CIA before he was transferred to Guantánamo in 2004. He has been in the prison without charge since then.

अहमद रब्बानी (पाकिस्तान), शीर्षकविहीन (ग्रेप आर्बर), 2016. रब्बानी 545 दिनों तक सीआईए की यातनाएँ सहते रहे, और इसके बाद 2004 में उन्हें ग्वांतानामो स्थानांतरित कर दिया गया। तब से वे बिना किसी आरोप के जेल में हैं.

 

प्यारे दोस्तों,

ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान की ओर से अभिवादन।

बीस साल पहले, 11 जनवरी 2002 को, संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार अपने तथाकथित आतंक के ख़िलाफ़ युद्ध के दौरान पकड़े गए ‘बंदियों’ को ग्वांतानामो खाड़ी में स्थित अपनी सैन्य जेल में लाई। अमेरिकी रक्षा मंत्री डोनाल्ड रम्सफ़ेल्ड ने कहा कि ‘हमारा इरादा है, कि हम ज़्यादातर, उनके साथ जिनेवा कन्वेंशन के अनुरूप यथोचित व्यवहार करेंगे’। ज़्यादातर। लेकिन इस बात के सबूत तुरंत ही सामने आने लगे कि जिनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन किया जा रहा है और कई क़ैदियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति ने भी इस बात का सबूत पेश किया था। दिसंबर 2002 से, अमेरिकी मीडिया ने रिपोर्ट करना शुरू कर दिया कि ‘ग्वांतानामो में क़ैद लोगों में से कई शायद आतंकवादी नहीं थे’।

पिछले दो दशकों के दौरान लगभग 780 ज्ञात ‘बंदियों’ को उस जेल में बंद किया जा चुका है; वर्तमान में 39 पुरुष बचे हैं, जिनमें से अधिकांश ऐसे हैं जिन पर कभी आरोप नहीं था। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक तरफ़ कहा है कि वो चाहते हैं इस डिटेंशन कैम्प को बंद करना चाहिए, और दूसरी तरफ़ वो इसके विस्तार के लिए योजनाएँ बना रहे हैं। बाइडेन प्रशासन 4 मिलियन डॉलर ख़र्च कर वहाँ एक गुप्त न्यायालय बना रहा है, जो जनता के लिए बंद होगा। बचे हुए क़ैदियों के भाग्य का फ़ैसला करने के लिए उनकी सुनवाई होगी या नहीं यह देखना अभी बाक़ी है। 10 जनवरी 2022 को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के स्वतंत्र विशेषज्ञों ने पाया कि ‘ग्वांतानामो खाड़ी बेहद ख़ौफ़नाक जगह है, जहाँ इस जगह पर लाए जाने वाले सैकड़ों पुरुषों के ख़िलाफ़ यातना का व्यवस्थित उपयोग, और अन्य क्रूर, अमानवीय तथा अपमानजनक व्यवहार होता और उनके सबसे मौलिक अधिकारों से उन्हें वंचित रखा जाता है’।

 

Ibrahim El-Salahi (Sudan), Vision of the Tomb, 1965.

इब्राहिम अल-सलाही (सूडान), मक़बरे का दृष्टिगोचर, 1965.

 

इन क़ैद लोगों में से एक है सामी अल-हज। जिन्हें अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों ने 15 दिसंबर 2001 को पकड़ा था और फिर 6 जनवरी 2002 को अमेरिका को सौंप दिया था। 14 जून 2002 को अल-हज को  ग्वांतानामो स्थानांतरित कर दिया गया, जहाँ वे 31 मई 2008 को दोहा, क़तर में अपनी रिहाई होने तक क़ैद रहे। अमेरिकी सरकार ने आरोप लगाया था कि अल-हज अल-क़ायदा के सदस्य हैं और तालिबान तथा मुस्लिम ब्रदरहुड दोनों के नेताओं में से एक हैं। उन पर सऊदी चैरिटी अल-हरमैन के माध्यम से चेचन्या के समूहों को हथियार और फ़ंड मुहैया कराने का आरोप भी था।

हम अल-हज के बारे में तब जान पाए जब डिटेनी असेसमेंट ब्रीफ़्स (डीएबी) अप्रैल 2011 में विकीलीक्स के ज़रिये मीडिया में लीक हुए। ये Gitmo फ़ाइलें इसलिए उल्लेखनीय हैं, क्योंकि प्रत्येक डीएबी आतंक के ख़िलाफ़ युद्ध में निहित ग़लत सूचनाओं को स्पष्ट कर देता है। अल-हज के डीएबी को पढ़ने से पता चलता है कि वे किसी भी संगठन के नेता नहीं थे; वह वास्तव में अल-जज़ीरा के एक पत्रकार थे। अल-हज ने 2000 की शुरुआत में अल-जज़ीरा के लिए काम करना शुरू किया था, और उन्हें अक्टूबर 2001 में अपने सहयोगियों यूसुफ़ अल-शोली और सद्दाह अब्दुल हक़ के साथ काम करने के लिए अफ़ग़ानिस्तान भेजा गया था। इस बात का कोई सबूत नहीं था कि अल-हज अल-क़ायदा या तालिबान या मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्य थे। डीएबी के मुताबिक़, उन्हें अल-जज़ीरा के ट्रेनिंग प्रोग्राम और अज़रबैजान, कोसोवो और मैसेडोनिया के विभिन्न चैरिटी समूहों के बारे में जानकारी देने के लिए ग्वांतानामो लाया गया था।

2007 में, अल-हज के वकील, क्लाइव स्टैफ़र्ड स्मिथ ने लिखा कि उनका मुवक्किल ‘230 दिनों से अधिक समय से भूख हड़ताल पर है, 1980 में आईआरए हड़तालियों द्वारा की गई हड़ताल से तीन गुना लंबे समय से’। जब अल-हज दोहा पहुँचे, तो उन्होंने कहा: कि उनसे 130 बार पूछताछ की गई, ‘ज़्यादातर अल जज़ीरा के साथ उनके काम के संबंध में’।

इन डीएबी फ़ाइलों ने ग्वांतानामो जेल में बंद क़ैदियों के बारे में जानने और उनके बारे में बताए जा रहे झूठ को समझने में स्टैफ़र्ड स्मिथ जैसे वकीलों की मदद की। विकीलीक्स की वजह से ही यह जानकारी सार्वजनिक हुई थी। ग्वांतानामो में किए जा रहे अपराधों के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर ‘यातना के व्यवस्थित उपयोग’ के मुक़दमे नहीं बनाए जा रहे हैं; जो कि मानवाधिकार विशेषज्ञों ने पाया कि वहाँ हो रहा है। लेकिन विकीलीक्स के सह-संस्थापक और प्रकाशक, जूलियन असांजे को बेलमर्श जेल में क़ैद कर के रखा है। बेलमर्श जेल ब्रिटेन का ग्वांतानामो है। अमेरिका जासूसी के आरोपों के तहत उन्हें प्रत्यर्पित करना चाहता है। जूलियन असांजे कौन है और अमेरिका उसके प्रत्यर्पण के लिए इतना बेताब क्यों है? इंटरनेशनल पीपुल्स असेंबली के साथ मिलकर ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान ने रेड अलर्ट संख्या 13, ‘जूलियन असांजे को रिहा करो’ जारी किया है।

 

कौन हैं जूलियन असांजे और क्या है विकीलीक्स?

जूलियन असांजे एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार और प्रकाशक हैं जिन्होंने 2006 में विकीलीक्स की सह-स्थापना की थी। विकीलीक्स एक ऐसी वेबसाइट है जिसे सरकारों और निगमों के अधिकारियों द्वारा गुमनाम रूप से लीक किए गए दस्तावेज़ों को प्रकाशित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। यह परियोजना डेनियल एल्सबर्ग द्वारा 1971 में जारी किए गए पेंटागन पेपर्स से प्रेरित थी, जो कि अमेरिकी सरकार का एक आंतरिक/गुप्त दस्तावेज़ था; जिसमें वियतनाम के ख़िलाफ़ युद्ध में अमेरिका की धूर्तता का विवरण दिया था। 2006 और 2009 के बीच, विकीलीक्स ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ प्रकाशित किए, जिनमें फ़ासीवादी ब्रिटिश नेशनल पार्टी (2008) की सदस्यता सूची, पेरू के पेट्रोगेट तेल घोटाले (2009) और यूएस-इज़रायल के ईरानी परमाणु ऊर्जा सुविधाओं पर साइबर हमले की एक रिपोर्ट (2009) जैसे ख़ुलासे शामिल थे। 2013 में, इंटरनेशनल फ़ेडरेशन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स ने विकीलीक्स को ‘जनता के जानने के अधिकार पर आधारित मीडिया संगठन की नयी नस्ल’ कहा था।

2010 में, इराक़ में रहते हुए, अमेरिकी सेना के ख़ुफ़िया विश्लेषक चेल्सी मैनिंग ने अमेरिकी सरकार के सर्वर से वीडियो सहित कई हज़ार दस्तावेज़ डाउनलोड किए। उन्होंने उन्हें विकिलीक्स के पास एक नोट के साथ भेजा, जिसमें लिखा था कि, ‘ये संभवतः हमारे समय के सबसे अधिक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों में से एक है जो युद्ध के कोहरे को हटाकर 21 वीं सदी के विषम युद्ध की वास्तविक प्रकृति का ख़ुलासा करता है’। नवंबर 2010 में, विकीलीक्स ने मैनिंग के दस्तावेज़ों से आए राजनयिक केबल्स (केबलगेट) को प्रकाशित करने के लिए प्रमुख समाचार पत्रों (जैसे डेर स्पीगल, एल पेस, द गार्जियन, ले मोंडे, द न्यूयॉर्क टाइम्स) के साथ पार्ट्नरशिप की। विकीलीक्स ने इराक़ वॉर लॉग्स और अफ़ग़ान वॉर डायरीज़ भी प्रकाशित की, जिसमें ऐसी सामग्री थी जो बताती थी कि अमेरिकी सेना ने दोनों देशों में युद्ध अपराध किए थे। इन दस्तावेज़ों में 2007 का एक गोपनीय वीडियो था जिसमें अमेरिकी सेना समाचार संगठन रॉयटर्स के कर्मचारियों सहित आम नागरिकों को मार रही थी। विकीलीक्स द्वारा collateral murder के नाम से जारी किए गए इस वीडियो का अमेरिकी युद्ध की प्रकृति के बारे में जनमत पर व्यापक प्रभाव पड़ा था।

नवंबर 2010 में, अमेरिकी अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने कहा कि उनके कार्यालय ने विकीलीक्स के ख़िलाफ़ ‘एक सक्रिय, अनवरत आपराधिक जाँच’ शुरू की है।

 

जूलियन असांजे बेलमर्श जेल (लंदन, यूके) में क्यों हैं?

दिसंबर 2010 की शुरुआत से, वरिष्ठ अमेरिकी राजनेताओं ने अमेरिकी सरकार से असांजे पर जासूसी अधिनियम (1917) के तहत मुक़दमा चलाने का आह्वान करना शुरू कर दिया। स्वीडन में लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों ने असांजे को क़ानूनी जाल में फँसा दिया। आरोपों का सामना करने के लिए स्वीडन लौटने के इच्छुक होने पर भी, वो एक वादा करवाना चाहते थे कि स्वीडन उन्हें अमेरिका में प्रत्यर्पित नहीं करेगा, जहाँ उन्हें जासूसी के आरोपों में आजीवन कारावास की सज़ा मिल सकती थी। स्वीडन ने अमेरिका के साथ अपने निकट संपर्क के कारण यह वचन देने से इनकार कर दिया। 2012 में, असांजे को लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में शरण मिली। अप्रैल 2019 में, इक्वाडोर की सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ हुए एक सौदे के बदले में असांजे को ब्रिटिश अधिकारियों को सौंप दिया। असांजे को बेलमर्श जेल ले जाया गया। जहाँ वे स्वीडन में प्रत्यर्पित होने के लिए नहीं -क्योंकि वो अपनी जाँच बंद कर चुका है- बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पित होने के लिए सुनवाई का इंतज़ार कर रहे हैं।

अमेरिकी सरकार ने असांजे को वर्गीकृत दस्तावेज़ प्राप्त करने और उन्हें प्रकाशित करने से संबंधित 18 आरोपों में दोषी ठहराया है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें 175 साल तक की जेल की सज़ा हो सकती है। हालाँकि, इनमें से 17 आरोप असांजे के ब्रिटिश हिरासत में आने के बाद ही लगाए गए थे। प्रारंभ में, असांजे पर केवल एक ही आरोप लगा था, कि उन्होंने मैनिंग के साथ मिलकर एक पासवर्ड क्रैक किया और पेंटागन के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने की साज़िश रची थी। इस आरोप के लिए उन्हें केवल 5 साल तक की क़ैद की सज़ा मिल सकती थी। समस्या ये है कि, ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिकी सरकार के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि अमेरिकी सर्वरों में सेंध लगाने का काम असांजे ने मैनिंग के साथ मिल कर किया था; मैनिंग का कहना है कि दस्तावेज़ प्राप्त करने और विकिलीक्स तक उन्हें पहुँचने का काम उन्होंने अकेले किया था।

तो, अमेरिकी सरकार असांजे को अमेरिका में लाने की कोशिश कर रही है ताकि जासूसी अधिनियम के तहत वर्गीकृत जानकारी को प्राप्त करने और फिर उसे प्रकाशित करने के लिए उन पर मुक़दमा चलाया जा सके; यानी एक खोजी पत्रकार की तरह काम करने के लिए उन पर मुक़दमा चलाया जा सके। इसलिए, हमें समझना चाहिए कि असांजे पर मुक़दमा पत्रकारिता के लिए चलाया जा रहा है।

 

जूलियन असांजे को कारागार से मुक्त कराने के लिए आप क्या कर सकते हैं?

लामबंद हों: 25 फ़रवरी 2022 को सड़कों पर उतरें। यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करें। माँग करें कि ये सरकारें अंतर्राष्ट्रीय क़ानून और जूलियन असांजे के मौलिक अधिकारों का सम्मान करें।

पत्र भेजें: इंटरनेशनल पीपुल्स असेंबली द्वारा तैयार किए गए इस पत्र पर हस्ताक्षर करें और इसे अपने स्थानीय ब्रिटिश दूतावास या वाणिज्य दूतावास को भेजें और उन्हें उनकी क़ानूनी ज़िम्मेदारियों का सम्मान करने के लिए कहें।

भाग ले: असांजे के मामले और आज के साम्राज्यवाद-विरोधी संघर्ष में उनके योगदान के बारे में अधिक जानने के लिए सोशल मीडिया पर इंटरनेशनल पीपुल्स असेंबली को फ़ॉलो करें। हमारी रिपोर्टों व अन्य दस्तावेज़ों को अपने समुदायों और आंदोलनों के साथ साझा करें। हमारी जनता के बीच इस बात को ले जाने में मदद करें कि #FreeAssangeNOW मुहिम क्यों ज़रूरी है। जूलियन असांजे को मुक्त कराने के लिए बेलमर्श ट्रिब्यूनल में भाग लेने के लिए ऑनलाइन रेजिस्टर करें।

 

 

2020 में, रोजर वाटर्स ने लंदन में जूलियन असांजे के लिए हुई एक रैली में बात रखी थी। अपनी अंतिम टिप्पणी में उन्होंने अपनी माँ के बारे में एक कहानी साझा की:

युद्ध से पहले इंग्लैंड के उत्तर में एक युवा सप्लाई स्कूल टीचर के रूप में, मैंने अपनी माँ को मिल श्रमिकों के बच्चों को पढ़ाने के लिए भरी ठंड में नंगे पाँव स्कूल जाते देखा है। वहाँ मेरी माँ को प्रेरणा मिली, और वह जीवन भर उससे प्रेरित रही। एक दिन, जब मैं तेरह या चौदह साल का था, उसने मुझसे कहा, ‘जैसे-जैसे तुम जीवन में आगे बढ़ोगे, रोजर, तुम्हें कठिन समय और कठिन प्रश्नों का सामना करना पड़ेगा, जिन पर तुम्हें विचार करने की आवश्यकता होगी। यह हमेशा आसान नहीं होगा, इसलिए उस समय के लिए मैं तुम्हें एक सलाह दे रही हूँ: सत्य की तलाश करना, प्रश्न को हर तरफ़ से देखना; हर तरह से, औरों की राय सुनना, वस्तुनिष्ठ बने रहने का प्रयास करना। जब तुम्हारा विचार-विमर्श ख़त्म हो जाए, कड़ी मेहनत ख़त्म हो जाए; तब आसान काम बाक़ी बचेगा। जो सही हो वो करना’।

जो सही है वो करें: जूलियन असांजे को मुक्त करें और ग्वांतानामो को बंद करें।

स्नेह-सहित,

विजय