प्यारे दोस्तों,
ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान की ओर से अभिवादन।
उल्लेखनीय रूप से, मार्च 2023 के अंतिम सप्ताह में घाना की अपनी यात्रा के दौरान, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने घोषणा की कि अमेरिकी ट्रेज़री विभाग का तकनीकी सहायता कार्यालय ‘2023 में अकरा में एक पूर्णकालिक रेसिडेंट सलाहकार नियुक्त करेगा, जो मध्यम से दीर्घकालिक सुधारों को विकसित करने तथा उनके क्रियान्वयन में वित्त मंत्रालय की सहायता करेगा, जो ऋण स्थिरता में सुधार करने और प्रतिस्पर्धी, गतिशील सरकारी ऋण बाज़ार का समर्थन करने के लिए आवश्यक है। घाना को निश्चित रूप से इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, इसका बाहरी ऋण 36 बिलियन डॉलर है और इसके ऋण तथा सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात 100 प्रतिशत से अधिक है। हैरिस के अकरा से वापस लौटने के बाद रॉयटर्स ने बताया कि घाना ने बरमूडा स्थित वित्तीय सलाहकार लाजार्ड को पेरिस स्थित रोथ्सचाइल्ड एंड कंपनी के साथ बातचीत में प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया था, जो अंतर्राष्ट्रीय बॉन्डधारकों का प्रतिनिधित्व करेगा, जो इस नक़दी–संकटग्रस्त राष्ट्र के सबसे बड़े ऋणदाता हैं। कुछ ऋण को रद्द करने (जिसे ‘हेयरकट‘ के रूप में जाना जाता है) या ऋण से संबंधित सेवा भुगतान को स्थगित करने के लिए इन धनी बॉन्डधारकों पर दबाव डालने के बजाय अमेरिकी सरकार ने घाना को केवल एक ‘तकनीकी सलाहकार‘ पकड़ा दिया।
दिसंबर में, घाना ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ तीन वर्षों में 3 बिलियन डॉलर प्राप्त करने के लिए अपनी विस्तारित क्रेडिट सुविधा के माध्यम से एक समझौते पर हस्ताक्षर किया। बदले में, घाना की सरकार ‘एक व्यापक आर्थिक सुधार कार्यक्रम‘ के लिए सहमत हुई जिसमें ‘घरेलू संसाधन जुटाने और ख़र्च को सुव्यवस्थित करने‘ की प्रतिबद्धता शामिल है। दूसरे शब्दों में, घाना की सरकार अपने ही लोगों के ख़िलाफ़ कटौती पर आधारित उदारवादी व्यवस्था लागू करेगी। इस समझौते के समय देश में उपभोक्ता मुद्रास्फीति बढ़कर 54.1 प्रतिशत हो गई थी। जनवरी 2023 तक यह स्पष्ट हो गया था कि एक वर्ष के दौरान बिजली, पानी, गैस और घर की क़ीमतों में 82.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार घाना की ग़रीबी दर पहले से ही 23.4 प्रतिशत है, बिजली और पानी की दरों में बढ़ौतरी, खाद्य क़ीमतों में वृद्धि, और [उपभोग करों] में वृद्धि के समुचित प्रभावों के कारण इसमें ‘थोड़ी वृद्धि‘ का अनुमान है। घरेलू ऋण के पुनर्गठन के साथ–साथ सार्वजनिक ख़र्च में और कटौती की वजह से घाना के लगभग सभी 33 मिलियन लोगों के लिए मुश्किलें पैदा हो जाएँगी।
इस बात की संभावना नहीं है कि घाना के ऋण के संबंध में अमेरिकी सरकार के ‘पूर्णकालिक रेसिडेंट सलाहकार‘ बढ़ते ऋण का तथ्यात्मक मूल्यांकन पेश करेंगे या स्थायी ऋण संकट का कोई व्यावहारिक समाधान ही पेशकश करेंगे। यह पहले से ही स्पष्ट है कि यूनाइटेड किंगडम के अब्रडन और अमुंडी या संयुक्त राज्य अमेरिका के ब्लैकरॉक जैसे धनी पश्चिमी बॉन्डधारकों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाएगा, जिनके पास घाना के 13 बिलियन डॉलर के यूरोबॉन्ड ऋण का एक बड़ा हिस्सा है। अमेरिका के लिए चीन को दोष देना कहीं अधिक आसान है, भले ही चीन के पास घाना के बाहरी ऋण का दस प्रतिशत से भी कम हिस्सा है। शायद यही कारण है कि घाना के राष्ट्रपति नाना अकुफो–एडो ने हैरिस से कहा, ‘[अफ्रीकी] महाद्वीप पर चीनी गतिविधियों के बारे में अमेरिका में किसी प्रकार का जुनून हो सकता है, लेकिन यहाँ ऐसा कोई जुनून नहीं है‘।
हमारे नवीनतम डोजियर, Life or Debt: The Stranglehold of Neocolonialism and Africa’s Search for Alternatives में उन देशों के लिए व्यावहारिक नीति प्रस्ताव पेश किया गया है जो स्थायी ऋण संकट से पीड़ित हैं। इनमें प्रगतिशील टैक्स कोड बनाने, घरेलू बैंकिंग बुनियादी ढाँचे में सुधार, आईएमएफ़ के ऋण–कटौती पर आधारित व्यवस्था की जगह फ़ंडिंग के वैकल्पिक स्रोत बनाने और क्षेत्रवाद को बढ़ाने के सुझाव शामिल हैं। यह देखते हुए कि आईएमएफ़ और विश्व बैंक अपने रूढ़िवादी नियमों से विचलित होने वाले किसी भी देश को दंडित करते हैं, ऐसे में एक दशक पहले तक भी ऐसी नीतियाँ पर चर्चा करने की कल्पना नहीं की जा सकती थी। अब, विकास के लिए धन जुटाने के वैकल्पिक स्रोतों (निश्चित रूप से, चीन तथा दक्षिणी गोलार्ध के अन्य देशों से भी) के आगमन के साथ, ग़रीब देशों के लिए दरवाज़े खुल गए हैं कि वे अपनी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय परियोजनाओं का निर्माण करते समय इस बात का ध्यान रख सकें कि वे परियोजनाएँ आवश्यक, संप्रभु, विकास सिद्धांतों के अनुरूप हों। जैसा कि हमने डोजियर में लिखा है, ‘इन परियोजनाओं को धन जुटाने के कई अवसरों का लाभ उठाना चाहिए, और आईएमएफ़ की घटती शक्ति का उपयोग उन वित्तीय और मौद्रिक नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए भी किया जाना चाहिए जो कि अफ़्रीकी लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध एजेंडे पर बनाई गई हैं, न कि अमीर बॉन्डधारकों और उन्हें समर्थन देने वाले पश्चिमी देशों की माँगों के एजेंडे पर‘।
द कलेक्टिव ऑन अफ़्रीकन पॉलिटिकल इकोनॉमी (CAPE) द्वारा द आईएमएफ़ इज़ नेवर द आंसर शीर्षक से जारी किए गए बयान में जो विचार व्यक्त किए गए हैं वही हमारे डोजियर का बुनियादी आधार है, जिस बयान को हमने अपने डोजियर में प्रकाशित किया है। अन्य प्रमुख बिंदुओं पर विचार करने के साथ–साथ इस बयान में इस बात को रेखांकित किया है कि ‘नये प्रकार के संस्थागत तंत्र की आवश्यकता है जो प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग को बढ़ावा दे‘, जिसमें ‘अमेरिकी डॉलर को बायपास करने वाली मुद्रा व्यवस्था स्थापित करना‘ शामिल है। डी–डॉलराइजेशन (डॉलर से मुक्ति) इतना महत्वपूर्ण बिंदु क्यों है? अमेरिकी सीनेटर मार्को रूबियो ने इस सवाल पर स्पष्ट जवाब किया है: ‘हम अगले पाँच सालों में प्रतिबंधों के बारे में बात नहीं कर पाएँग क्योंकि डॉलर के अलावा अन्य मुद्राओं में लेनदेन करने वाले इतने सारे देश होंगे कि हमारे पास उन पर प्रतिबंध लगाने की क्षमता नहीं होगी‘। डॉलर पर निर्भरता की वजह से न केवल अमेरिका अन्य देशों पर प्रतिबंध लगाता है; जैसा कि सीएपीई के बयान में कहा गया है, यह ‘आईएमएफ़ द्वारा लगाई जाने वाली शर्त की भी एक महत्वपूर्ण कड़ी‘ है। यह बयान ‘अपने विकास के एजेंडे को पूरा करने के लिए अफ़्रीकी दोशों की क्षमता और स्वायत्तता को बहाल करने और फिर से मज़बूत करने की तत्काल आवश्यकता‘ के महत्व को भी रेखांकित करता है। इसमें देशों की कर राजस्व जुटाने की क्षमता बढ़ाना और अपनी आबादी की गरिमा का निर्माण करने के लिए इस धन का उपयोग करना शामिल है। हमारे समय में विकास के लिए कोई भी दृष्टिकोण जो राष्ट्रों की संप्रभुता का सम्मान करता है, उसे चाहिए कि विकास परियाजनाओं के लिए वित्तपोषण के एक नये रूप के साथ–साथ इस प्रक्रिया में राज्य संस्थानों के लिए एक नयी भूमिका बनाने पर ध्यान केंद्रित करे।
यदि आप सीएपीई में शामिल होने में रुचि रखते हैं, तो आप कलेक्टिव के समन्वयक ग्रिवे चेल्वा को grieve@thetricontinental.org पर लिखें।
अप्रैल के मध्य में होने वाले विश्व बैंक की बैठक में सिटीग्रुप और मास्टरकार्ड के एक पूर्व कार्यकारी अधिकारी अजय बंगा को इसके अध्यक्ष के रूप में चुन लिया जाएगा। वह इस पद को ग्रहण करने वाले चौदहवें अमेरिकी नागरिक होंगे और 1946 में बैंक के पहले अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद से चौदहवें पुरुष भी। बंगा को विकास (डेवेलप्मेंट) की दुनिया का कोई अनुभव नहीं है – वाणिज्यिक बैंकिंग से पहले, वह भारत में पिज़्ज़ा हट और केंटकी फ़्राइड चिकन जैसी अमेरिकी फ़ास्ट फ़ूड ब्रांड की फ़्रेंचाइज़ी लॉन्च करने वालों में शामिल थे। इस बीच, न्यू डेवलपमेंट बैंक, जिसे ब्रिक्स बैंक भी कहा जाता है, ने ब्राज़ील की पूर्व राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ़ को अपना नया अध्यक्ष चुना है। रूसेफ़ के पास ब्राज़ील में पूर्ण ग़रीबी उन्मूलन का कार्यक्रम चलाने का व्यापक अनुभव है, जिसका लाभ ब्रिक्स बैंक को मिलेगा। बंगा, जो निजीकरण को बढ़ावा देंगे, उनके विपरीत रूसेफ़ मज़बूत राज्य नीतियों के साथ काम करने के अपने अनुभव को सामने लाएँगी, जैसे कि आय हस्तांतरण कार्यक्रम बोल्सा फ़ेमिलिया (‘पारिवारिक ग्रांट‘) और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम ब्रासिल सेम मिसेरिया (‘अत्यधिक ग़रीबी से मुक्त ब्राज़ील‘)। जैसा कि हमने डोजियर में उल्लेख किया है, दक्षिणी गोलार्ध के अन्य संस्थानों के साथ ब्रिक्स बैंक के उद्भव ने आईएमएफ़ और विश्व बैंक पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है, जिसमें मुख्य मुद्दा है नवउदारवादी ऋण–कटौती आधारित मॉडल की विफलता तथा सरकारों को अपने राज्यों की संप्रभुता और अपनी आबादी की गरिमा बढ़ाने के लिए पूँजी नियंत्रण सहित नये साधनों की आवश्यकता है।
दस साल पहले, नाइजीरियाई संगीतकार सीन कुटी ने अपने एल्बम ए लॉन्ग वे टू द बिगिनिंग में ‘आईएमएफ़‘ नामक एक गीत जारी किया था। गीत आईएमएफ़ नीति की एक कटु आलोचना है, और जेरोम बर्नार्ड द्वारा निर्देशित वीडियो, एक अफ़्रीकी व्यवसायी के चरित्र के माध्यम से उस आलोचना को विकसित करता है जो अंततः एक ज़ोम्बी में बदल जाता है। जब राजा मिदास ने वस्तुओं को छुआ तो वे सोने में बदल गईं। जब आईएमएफ़ लोगों को छूता है, तो वे लाश में बदल जाते हैं। हमारे डोजियर की कलाकृति सीन के संगीत वीडियो की छवियों पर आधारित है, जिनमें से कुछ को इस न्यूज़लेटर में पुन: प्रस्तुत किया गया है। सम्मोहक गीत है:
एक तरफ़ आईएमएफ़ का झूठ
दूसरी तरफ़ लोगों की शक्ति
एक तरफ़ आईएमएफ़ की चोरी
दूसरी तरफ़ लोगों की शक्ति
एक तरफ़ आईएमएफ़ द्वारा हत्याएँ
दूसरी तरफ़ लोगों की शक्ति
एक तरफ़ आईएमएफ़ की चालबाज़ी
दूसरी तरफ़ लोगों की शक्ति
एक तरफ़ आईएमएफ़ की धमकी
दूसरी तरफ़ लोगों की शक्ति
एक तरफ़ आईएमएफ़ द्वारा दी जा रही पीड़ा
दूसरी तरफ़ लोगों की शक्ति
स्नेह–सहित
विजय